बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि जीएसटी पूरे देश में एक अप्रैल 2017 से लागूहो जाए.
मंगलवार को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से जीएसटी के प्रस्ताव को पारित कर दिया. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीएसटी को राज्यों के लिए लाभदायक बताया और साथ ही कई सुझाव भी दिए.
नीतीश कुमार के मुताबिक नई टैक्स प्रणाली की रूप रेखा को अंतिम रूप देने के क्रम में अभीभी कई मुद्दे हैं, जिनपर केन्द्र और राज्यों की सहमति बनानी जरूरी है.
1. व्यापार जगत को किसी भी हालत में केन्द्र और राज्य दोनों के अधिकारियों के पास जाने की जरूरत न हो.
2. टैक्स के निर्धारण में इस बात का ध्यान अवश्य रखा जाए, इनके कारण मुद्रास्फीति में वृद्धि न हो परंतु राजस्व में कमी न हो.
3. इनपुट टैक्स क्रेडिट की श्रृंखला को बिना किसी बाधा के चलाया जाना आवश्यक है, लेकिन यह ध्यान रखा जाए कि व्यापार जगत इसका दुरुपयोग न कर सके.
4. राज्य जीएसटी के भुगतान में प्रयोग किए जाने वाले अन्तर्राज्यीय जीएसटी क्रेडिट के प्रशासन पर राज्यों का नियंत्रण आवश्यक है ताकि राज्यों को नुकसान न हो.
5. आईटी प्रणाली का इस प्रकार निर्माण हो ताकि बैंक, बिजली कंपनियां, रेल, टेलिकॉम जैसी संस्थाओं के डाटा बेस को जोड़ा जा सके और मूल्य संवर्द्धन के सभी आयामों को जीएसटी नेटवर्क में लाया जा सके.
6. ऐसी व्यस्था भी कि जाए ताकि जीएसटी क्रेडिट उपलब्धता और टैक्स पर टैक्स की समस्या की समाप्ति का लाभ केवल उद्योग जगत को न वो बल्कि उपभोक्ताओं तक पहुंचे.
7. राजस्व क्षति के भरपाई की ऐसी व्यवस्था तैयार हो जिससे राज्य के मौजूदा संसाधन के आकार में कमी न हो.
8. सेवाओं के मामले में 'प्लेस ऑफ रूल्स' ऐसे बना जाए ताकि कर व्यवस्था में विसंगति नहीं आए और ऐसे नियम गंतव्य के सिद्धांत पर आधारित हो, यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि जिस राज्य में उपभोग हो उसी राज्य को टैक्स की प्राप्ति हो.
नीतीश कुमार ने कहा कि जीएसटी का समर्थन इसलिए कर रहे हैं ताकि टैक्स की व्यवस्था सरल हो सके. ऐसी व्यवस्था नहीं होनी चाहिए जिससे जटिलता आए. नीतीश कुमार ने कहा कि इस प्रणाली से पारदर्शिता आएगी. पूरे देश में एक बाजार विकसित होगा और समान कर प्रणालीलागू होगी. इस टैक्स प्रणाली से जो पहले केन्द्र जिन सेक्टर में टैक्स नहीं वसूल पा रहा था अब वसूल पाएगा, इसी तरह से राज्य सर्विस टैक्स ले सकेंगे.
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