ओलंपिक में इंडिया की हो गई चांदी, रियो में हारकर भी भारत की बेटी पीवी सिंधू ने रच दिया इतिहास
रियो ओलंपिक के महिला सिंगल्स बैडमिंटन मुकाबले में भारत की पीवी सिंधू को हार का सामना करना पड़ा है. लेकिन इस हार के बाद भी सिंधू ने रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. सिंधू ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं. इससे पहले भारत का कोई भी बैडमिंटन खिलाड़ी इस मुकाम तक नहीं पहुंच सका है. फाइनल मुकाबले में सिंधू को दुनिया की नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी कैरोलीना मारिन से एक संघर्षपूर्ण मुकाबले में शिकस्त मिली.
सिंधू ने ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर रचा इतिहास
सवा सौ करोड़ देशवासियों की निगाहें रियो ओलंपिक के महिला सिंगल्स मुकाबले को देखने के लिए लगी थीं. पीवी सिंधू ओलंपिक के महिला सिंगल्स मुकाबले के फाइनल में पहुंच कर पहले ही इतिहास रच चुकीं थी. लेकिन देश को अपनी इस हौनहार बेटी से गोल्ड मेडल की उम्मीद थी. रियो ओलंपिक में सिंधू ने अपने से कई बड़ी ऊंची रैंकिंग वाली खिलाड़ी को शिकस्त देकर फाइनल में पहुंचीं थी. लेकिन इस बार उनके सामने दुनिया की नंबर एक स्पेनिश खिलाड़ी कैरोलीना मारिन थी. जिससे पार पाना आसान नहीं था.
कभी सिंधू के लिए तालियां बजती तो कभी कैरोलीना के लिए, दोनों ही खिलाड़ी इस महामुकाबले को जीतकर इतिहास रचना चहाती थी. भारत की पीवी सिंधू ने सिलवर मेडल जीतकर न सिर्फ इतिहास रचा जबकि वो भारतीय खेल इतिहास में हमेश के लिए अमर हो गईं. इससे पहले कोई भी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी इस मुकाम को हासिल नहीं कर सका. आज पूरे देश को सिंधू पर नाज है.
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